”’प्रतिलिप्यधिकार”’ या कॉपीराइट बौद्धिक संपदा का एक रूप है। जॊ एक मूल कृति के लेखक कॊ प्रकाशन, वितरण और अनुकूलन का निश्चित समय अवधि के लिए, विशेष अधिकार देता है।
प्रतिलिप्यधिकार या कॉपीराइट किसी चीज के वर्णन में हैं। यदि आप कोई अच्छी कहानी लिखें, या कोई गाना संगीत-बद्ध करें, या पेन्टिंग करे तो यह किसी चीज़ का वर्णन होगा। उसमें आपका प्रतिलिप्यधिकार होगा। यदि उसे प्रकाशित करें तो कोई और उसे आपकी अनुमति के बिना प्रयोग नहीं कर सकता है। भारतवर्ष में प्रतिलिप्यधिकार के बारे में [[प्रतिलिप्यधिकार अधिनियम]], 1957 (The Copyright Act, 1957) कानून है।
यहां प्रयुक्त कार्यों का अर्थ हैं :-
”’साहित्यिक रचना”’ :- इसमें कम्प्यूटर कार्यक्रम, सारणियां, संकलन और कम्प्यूटर डाटाबेस शामिल हैं।
”’नाट्य रचना”’ :- इसमें गायन, नृत्य रचना या किसी प्रदर्शन में मनोरंजन का कोई रूप, नाट्य प्रबंध या अभिनय जिसका रूप लिखित या किसी अन्य रूप में तय हो, शामिल हैं।
”’संगीत रचना”’ :- इसमें संगीत रचनाएं शामिल हैं, ऐसी रचनाओं का ग्राफीय रूप शामिल है लेकिन इसमें संगीत के साथ गाए, बोले या अभिनीत किए जाने वाले शब्द या अंगविक्षेप शामिल नहीं हैं।
”’कलात्मक रचना”’ :- इसका अर्थ है चित्र, मूर्ति, आलेख (जिसमें आरेख, मानचित्र, चार्ट या प्लान भी शामिल है), उत्कीर्णन, या फोटोग्राफ, भले ही उनमें कलात्मक गुण हों या न हों। इसमें स्थापत्य रचनाएं और कलात्मक कारीगरी की कोई अन्य रचनाएं भी शामिल हो सकती हैं।
”’चलचित्र रचना”’ :- इसका अर्थ है किसी ऐसी प्रक्रिया में जरिए, जिससे किसी भी तरह चलती-फिरती छवि निर्मित की जा सकती है, बनाए गए किसी माध्यम पर दृश्य रिकार्डिंग की कोई रचना।
”’ध्वनि रिकार्डिंग”’ :- इसका अर्थ है ध्वनियों की रिकार्डिंग जिससे ध्वनियां निर्मित की जा सकती हैं, उस माध्यम पर ध्यान दिए बिना, जिससे ध्वनियां निर्मित की गई हो।
यहां ‘संबंधित अधिकार या निकटवर्ती अधिकार’ है कलाकारों (उदाहरणार्थ अभिनेताओं, गायकों और संगीतकारों), फोनोग्राम (ध्वनि रिकार्डिंग) के निर्माताओं और प्रसारण संगठनों के अधिकार।
[[कॉपीलेफ्ट]] भी एक तरह का कॉपीराइट है।